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कहानी
फिल्म की शुरुआत 8 माह गर्भवती साक्षी (नुसरत भरुचा) और हेमंत (सौरभ गोयल) से होती है, जो गुंडों से पीछा छुड़ाने के लिए कुछ दिनों के लिए शहर छोड़ने का निर्णय लेते हैं। पति-पत्नी अपने ड्राइवर कजला (राजेश जैस) के गांव जाते हैं, जो शहर से 300 किलोमीटर दूर है। पूरे गांव में गन्ने के खेतों के बीच महज 4-5 मकान हैं। वहां उनकी मुलाकात होती है ड्राइवर की पत्नी भन्नो देवी (मीता वसिष्ट) से। भन्नो देवी की पिछड़ी सोच की वजह से पहले साक्षी उनसे दूरी रखती है। लेकिन फिर उनके स्नेही स्वभाव से प्रभावित होकर उन्हें अपनी मां तक का दर्जा दे देती है। जैसे जैसे समय गुजरता है साक्षी को उस जगह में कुछ अजीब घटनाओं अहसास होता है। कभी उसे कुछ बच्चे दिखाई देते हैं, तो कभी कोई लोरी सुनाई देती है। जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, नेहा को भ्रम होने लगता है और स्थिति और बिगड़ जाती है। साथ ही भन्नो देवी का बिगड़ा बर्ताव उसे हैरान करता है। क्या वाकई में उसे सिर्फ भ्रम होता है या उस जगह पर भूतों का वास है? फिल्म की कहानी एक सामाजिक संदेश के इर्द गिर्द घूमती है। check out IPL 2022 Players retention list. Chhorri movierulz movie review.

निर्देशन
‘छोरी’ साल 2016 में आई मराठी फिल्म ‘लपाछपी’ की आधिकारिक रीमेक है। दोनों फिल्मों का निर्देशन विशाल फुरिया ने ही किया है। ‘छोरी’ के लिए यह एक अच्छी बात भी रही, और इसी वजह से कुछ कमियां भी दिखीं। दोनों फिल्मों में 5 साल का अंतर रहा है। लेकिन निर्देशक ने रीमेक को हूबहू ओरिजनल फिल्म जैसा ही रखा है, जबकि समय को देखते हुए फिल्म में कुछ बदलाव की दरकार थी। खासकर क्लाईमैक्स तक जाते जाते फिल्म से सभी सरप्राइज एलिमेंट खत्म हो जाता है। ना आपमें भय बचता है, ना ही फिल्म का संदेश दिमाग में टिक पाता है। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो विशाल फुरिया ने छोरी को बाकी हॉरर फिल्मों से कुछ अलग रखा है। यहां स्थिति, संवाद और वातावरण से भय पैदा करने की कोशिश की गई है। Have you watch Antim yet?
अभिनय
8 माह की गर्भवती के किरदार में नुसरत भरुचा ने सराहनीय काम किया है। भय, हैरानी, दृढ़ता.. उन्होंने सारे भाव को चेहरे पर बेहतरीन उतारा है। वहीं, उनका बराबर साथ दिया है मीता वसिष्ट ने। उनके हरियाणवी संवाद हालांकि शुरुआत में ध्यान भटकाते हैं, लेकिन उनके उनके किरदार को निर्देशक ने इतने शेड दिये हैं कि आप धीरे धीरे उसमें बंधते चले जाते हैं। सौरभ गोयल, राजेश जैस और बाकी कलाकारों अपने किरदारों में अच्छे लगे हैं। Excited for Inside edge season 3?
तकनीकी पक्ष
किसी भी हॉरर फिल्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है उसका तकनीकि हिस्सा। फिल्म का साउंड डिजाइन किया है बेलोन फोन्सेका ने और बैकग्राउंड स्कोर की जिम्मेदारी ली है केतन सोधा ने। इस डिपार्टमेंट में फिल्म काफी बढ़िया रही है। जहां जोरदार संगीत या चीख चिल्लाकर डराने की कोशिश नहीं की गई है, बल्कि फिल्म में छिपे संदेश को देखते हुए काफी रहस्यपूर्ण रखा गया है। अंशुल चौबे की सिनेमेटोग्राफी फिल्म के सकारात्मक पक्षों में एक है। कुछ दृश्य तो बेहद शानदार बने हैं। जब घर की छत पर चढ़कर साक्षी गन्ने के खेतों के रास्ते समझने की कोशिश करती है, तो उस दृश्य में साक्षी के साथ आप भी खोया महसूस करते हैं। एडिटर उन्नीकृष्णण पी.पी फिल्म को थोड़ा और समेट सकते थे। कुछ दृश्य कई दफा दोहराए गए हैं, जो यदि काट दिये जाते तो फिल्म को आराम से 10-15 मिनट छोटी हो सकती थी.. एडिटिंग टेबल पर फिल्म को कसा जा सकता था, लेकिन यहां कमी रही। Wating for Aarya season 2?
देंखे या ना देंखे
कुल मिलाकर, नुसरत भरुचा अभिनीत हॉरर फिल्म ‘छोरी’ कुछ कमियों के बावजूद डराने में और कुछ अहम मुद्दों को उठाने में सफल रही है। यदि आप हॉरर फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो छोरी जरूर देखी जा सकती है। फिल्मीबीट की ओर से फिल्म को 3 स्टार।
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